डिस्को और रॉक म्यूजिक से रूबरू करवाने वाले संगीतकार बप्पी लहरी (Bappi Lahari) का निधन हो गया है और वो 69 साल के थे. बताया जा रहा है कि बप्पी लहरी का निधन रात करीब 11 बजे हुआ. बप्पी लहरी पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज क्रिटी केयर अस्पताल में चल रहा था. पिछले साल बप्पी दा को कोरोना वायरस भी हुआ था.
लहरी को पिछले साल अस्पताल में भर्ती कराया गया था जब वो कोविड पॉजिटिव हो गए थे. हालांकि कुछ दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया था. बप्पी लहरी ने 70 के दशक में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा और 80 के दशक में वे छाए रहे. हर फिल्म में गाने के लिए वे निर्माताओं की पहली पसंद रहे. बप्पी लहरी को पहचान साल 1975 में आई फिल्म ‘ज़ख्मी’ से मिली, बप्पी दा के गाए गीत ‘बंबई से आया मेरा दोस्त, आई एम ए डिस्को डांसर, जूबी-जूबी, याद आ रहा है तेरा प्यार, यार बिना चैन कहां रे, तम्मा तम्मा लोगे, आज भी लोगों की जुबां पर चढ़े रहते हैं.
लता दीदी को मां कहते थे बप्पी लहरी: अभी स्वरकोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन को दो सप्ताह भी पूरे नहीं हुए था कि भारत में डिस्को म्यूजिक (Disco Music) को नई पहचान देने वाले महान गायक और कंपोजर बप्पी लहरी (Bappi Lahiri) दुनिया को अलविदा कह गए. बता दें कि कंपोजर और लीजेंड सिंगर लता एक दूसरे के बेहद करीब थी और बप्पी दा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो ‘मंगेशकर’ उनके लिए एक परिवार जैसा था और उन्होंने महज 17 साल की उम्र में उषा और आशा भोंसले को गाना सिखाया था, क्योंकि उन्होंने उनके लिए गाना कंपोज किया था
सुपरहिट थी दोनों की जोड़ी: दिवंगत स्वरकोकिला को बप्पी दा का बड़ा सपोर्ट सिस्टम माना जाता था. लता मंगेशकर ने ही बंगाली फिल्म ‘दादू’ में उनके पहले कंपोजिशन को आवाज दी थी. आमिर खान के पिता ताहिर हुसैन की ‘जख्मी’ लहरी का पहला बॉलिवुड हिट साबित हुआ. इसी फिल्म में स्वरकोकिला ने भी ‘अभी-अभी थी दुश्मनी’ और ‘आओ तुझे चांद पे लो जाऊं’ गाया था. दोनों ही गाने बड़े हिट साबित हुए थे.
‘मां’ को किया याद: 6 फरवरी को लता मंगेशकर का मल्टीपल ऑर्गन फेलियर के चलते निधन हो गया था और उनकी मौत से दुखी बप्पी दा ने अपने सोशल मीडिया पर एक बेद खास फोटो शेयर की थी जिसमें वो लता दीदी का गोद में नजर आ रहे हैं. इस खास फोटो को शेयर करते हुए उन्होंने ‘मां’ लिखा था.